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5 रुपये में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देता है यह बच्चा

विराज ने मात्र 13 वर्ष की आयु में हासिल की ताइक्वांडो में ब्लैक व कराटे में रेड बेल्ट

एक 13 वर्षीय बच्चा नशे खिलाफ अभियान चला रहा है और यह बच्चा दूसरे बच्चों को मात्र 5 रुपये में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी दे रहा है। विराज ने 13 वर्ष की आयु में ही ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट और कराटे में रेड बेल्ट हासिल की और अब तक वह 27 बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देकर समाज को मजबूत बनाने में योगदान दे रहा है। विराज ने बताया कि उसने 12 से 13 वर्ष के बच्चों को बीड़ी और शराब पीते हुए देखा, तब उसने सोचा की नशे के खिलाफ बच्चों को जागरूक किया जाना चाहिए, तब उसने बच्चों से बात की तो बच्चों ने उसकी बात नहीं सुनी। उसके बाद वह कई दिनों तक सोचता रहा। यह सोच कर उसे नींद नहीं आती थी कि छोटी उम्र में बच्चे नशे का सेवन कर रहे हैं। उसके बाद एक रात उसने सोचा कि बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देगा और बच्चों के नशे के खिलाफ जागरूक करेगा। तब से वह बच्चों को नशे की हानियों के बारे में बताता है। कई बार उन्होंने पर्चे बांट कर भी बच्चों को नशे के खिलाफ जागरूक किया है।

उसने सात साल की उम्र में मार्शल आर्ट सीखना शुरू कर दिया था। मार्शल आर्ट न केवल आत्म रक्षा का एक तरीका है बल्कि शरीर और मन को मजबूत बनाने का भी साधन है। मेरे माता पिता ने पूरा सहयोग दिया। मैंने विक्रांत एजुकेशन एवं मार्शल आर्ट एनजीओ से ताइक्वांडों, कराटे और किकबॉक्सिंग जैसे मार्शल आर्ट सीखें हैं। ब्लैक बेल्ट बनना मेरे लिए आसान नहीं था। मुझे हर दिन घंटों तक अभ्यास करना पड़ता था। ब्लैक बेल्ट प्राप्त करने के लिए कठिन मेहनत, शारीरिक और मानसिक अनुशासन जरूरी होता है। एनजीओ ने मेरे प्रशिक्षण के सभी खर्च उठाए। मेरे लिए ब्लैक बेल्ट बनना गर्व की बात है। मैंने सोचा कि मैंने जो भी सीखा है, उसे दूसरे बच्चों के साथ साझा करना चाहिए। खासकर उन बच्चों के साथ जो आर्थिक रूप से कमजोर है और महंगी ट्रेनिंग का खर्च नहीं उठा सकते। मैने शुरुआत में सिर्फ अपने दोस्तों और पड़ोस के बच्चों को सिखाना शुरू किया। अब तक 27 बच्चों को ट्रेनिंग दी है। मेरा मानना है कि कोई भी बच्चा आर्थिक कारणों से ट्रेनिंग से वंचित न रहे। मुझे खुशी होती है कि मैं अपने ज्ञान और कौशल के माध्यम से समाज में योगदान दे पा रहा हूं। खासतौर पर महिलाओं को मार्शल आर्ट जरूर सीखने चाहिए, क्योंकि यह उन्हें किसी भी विपरीत परिस्थिति में अपना बचाव करने में सक्षम बनाता है। मेरा सपना है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाऊं। जुनून और मेहनत के साथ आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में हार मत मानें। साथ ही, जो कुछ भी आप सीखते हैं, उसे दूसरों के साथ साझा करें। समाज को मजबूत बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

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