एंबुलेंस कर्मी ने जिंदा मरीज को सड़क किनारे झाड़ियों में फेंक हुई मौत
औरंगाबाद से चितरंजन कुमार की रिपोर्ट

औरंगाबाद जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली एक सनसनीखेज सामने आई है, जहां एक एंबुलेंस कर्मी ने अस्पताल ले जाए जा रहे मरीज को बीच रास्ते में एंबुलेंस से उतार कर झाड़ियों में फेंक दिया और वहां से एम्बुलेंस लेकर चल गया।
इस अमानवीय घटना में मरीज की मौत हो गई। जब सड़क से गुजर रहे राहगीरों की नजर सड़क के किनारे झाड़ियों में पड़े शव पर पड़ी, तब उन्होंने तत्काल इसकी सूचना बारुण थाने की पुलिस को दी। इधर बरूण थाना की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद भेज दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, एक हादसे में गंभीर रूप से घायल एक शख्स को किसी व्यक्ति ने औरंगाबाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। मरीज की नाजुक स्थिति को देखते हुए अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर करने का निर्णय लिया। अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को ले जाने के लिए एक एंबुलेंस का इंतजाम किया, जिसमें ड्राइवर, स्ट्रेचरमैन और एक अन्य कर्मचारी को मरीज को हायर सेंटर पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया।
इसी बीच, एंबुलेंसकर्मी हरेंद्र कुमार और स्ट्रेचरमैन सुरंजन कुमार मरीज को लेकर हायर सेंटर की ओर रवाना हुए, लेकिन उन्होंने मरीज को हायर सेंटर के जगह बारुण थाना क्षेत्र के पोखराही गांव के झाड़ियों में फेंक दिया और एम्बुलेंस लेकर वहां से निकल गया। इस अमानवीयता के कारण मरीज की वहीं मौत हो गई। बारुण थाने की पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही औरंगाबाद सदर अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। फुटेज में स्ट्रेचरमैन को मरीज को एंबुलेंस में लादते हुए देखा गया। जांच के आधार पर पुलिस ने हरेंद्र कुमार और सुरंजन कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एंबुलेंस ड्राइवर की तलाश जारी है।
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अस्पताल प्रबंधन पर ही आरोप लगाते हुए बताया कि उन्हें डीएस आशुतोष कुमार ने मरीज को सड़क किनारे छोड़ने का निर्देश दिया था। वैसे डीएस ने बताया कि हम सभी का इलाज करते हैं भला हम ऐसा निर्देश क्यों देंगे। इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए इसे गैर-जिम्मेदाराना और शर्मनाक बताया है। असिस्टेंट चीफ मेडिकल ऑफिसर (एसीएमओ) किशोर कुमार ने इस घटना पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और पूरे मामले की जांच की जाएगी। दोषियों पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।